Quantcast
Channel: renu rakheja – p4poetry
Viewing all articles
Browse latest Browse all 11

दिल के चार खाने

$
0
0

दिल में चार खाने …..

एक खाना है अपने लिए
तुम्हारी यादें यहाँ मेह्फूस हैं
जब भी अपने को अकेला महसूस करती हूँ
इस खाने में डुबकी लगा लेती हूँ

दूसरा खाना है तुम्हारा
तुम्हारी धड़कन इस खाने में रहती है…चुरा ली थी एक दिन
मेरी धड़कन इससे जुड़ी हुई है

तीसरा खाना है हमारी बिटिया एकतारा का
जो जन्म लेने से पहले ही इक तारा बन गयी
उसकी नाड़ी इस खाने से अभी भी जुड़ी हुई है
रोज़ एक लोरी सुनाती हूँ
तभी सोती है

चौथा खाना ?
हाँ…चौथा खाना खाली रखा है
पता नहीं किसके लिए
शायद खाली,वीरान ही रहेगा
पहले और दुसरे खाने में तुम जो रहते हो


Viewing all articles
Browse latest Browse all 11

Trending Articles